सब पोलटिक्स है। इस हमाम में सभी नंगे है, बात चाहे प्रणवदा की ही हो, उन्हें देश का प्रधानमंत्री होना चाहिए था पर सोनीया ने उन्हें कबूल नहीं किया तो फिर क्यों आज बे खामोश रहते है? और आडवाणी जी को लेकर सवाल ढेर सारे है पर भाजपा को खड़ा किसाने किया? और हमारे अपने नीतीश बाबू- जब फेसबुक पर लिखने के जुर्म में इन्होने अधिकारी का सजा दे दी तब समझिए इनकी मानसिकता क्या है। एको अहम द्वितियो नास्ती।
सब पोलटिक्स है। इस हमाम में सभी नंगे है, बात चाहे प्रणवदा की ही
ReplyDeleteहो, उन्हें देश का प्रधानमंत्री होना चाहिए था पर सोनीया ने उन्हें कबूल नहीं किया तो फिर क्यों आज बे खामोश रहते है?
और आडवाणी जी को लेकर सवाल ढेर सारे है पर भाजपा को खड़ा किसाने किया?
और हमारे अपने नीतीश बाबू- जब फेसबुक पर लिखने के जुर्म में इन्होने अधिकारी का सजा दे दी तब समझिए इनकी मानसिकता क्या है। एको अहम द्वितियो नास्ती।
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