ब्लाग्मंत्र : जिस तरह आंसू के लिए मिर्च जरूरी नहीं, वैसे ही बुद्धिमता सिद्ध करने के लिए ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स व् उच्च्श्रलंखता जरूरी नहीं

Wednesday, September 21, 2011

लेन देन की भावना से नहीं उत्कर्ष होगा नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का


by Puja Shukla on Tuesday, September 20, 2011 at 11:35pm

PM मनमोहन अमर्त्य को NIU का परामर्शदाता बनाते है तो बदले में अमर्त्य मनमोहन की बिटिया NIU के advisory council में आती है

1 comment:

  1. सब पोलटिक्स है। इस हमाम में सभी नंगे है, बात चाहे प्रणवदा की ही
    हो, उन्हें देश का प्रधानमंत्री होना चाहिए था पर सोनीया ने उन्हें कबूल नहीं किया तो फिर क्यों आज बे खामोश रहते है?
    और आडवाणी जी को लेकर सवाल ढेर सारे है पर भाजपा को खड़ा किसाने किया?
    और हमारे अपने नीतीश बाबू- जब फेसबुक पर लिखने के जुर्म में इन्होने अधिकारी का सजा दे दी तब समझिए इनकी मानसिकता क्या है। एको अहम द्वितियो नास्ती।

    pl remove word verification..go on setting..

    ReplyDelete