ब्लाग्मंत्र : जिस तरह आंसू के लिए मिर्च जरूरी नहीं, वैसे ही बुद्धिमता सिद्ध करने के लिए ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स व् उच्च्श्रलंखता जरूरी नहीं

Monday, October 15, 2012

'फाल्स स्टार्ट'



ओलम्पिक की दौड़ के लिए तैयारिया बहुत पहले से शुरू हो जाती है, खिलाड़ी जब ट्रैक पर खड़े होते है तो दौड़ की जल्दी में होते है. दौड़, पिस्तौल की गोली की आवाज़ सुनने पर शुरू होती है पर कई बार दौड़ में ऐसा होता है की बिना फिस्त
ौल की फायरिंग के ही धावक जल्दी में दौड़ पड़ते है इसे 'फाल्स स्टार्ट' कहते है. लगता है लालू व् पासवान बिहार में उसी जल्दी में है तभी तो वे हर मुद्दे को राज्य स्तर का रूप देकर नितीश को हराने की रेस में दौड़ पड़ते है.

दरअसल पिछले हफ्ते जिला मधुबनी में जुर्म की एक घटना में एक छात्र की कथित हत्या के विरोध में शुक्रवार और शनिवार को हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसपर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई. इस क्षेत्रीय मुद्दे को राज्यस्तर का राजनीतिक आन्दोलन बनाने हेतु राजनीतिक हाशिये में पड़ा विपक्ष ने जिसमे लालू जी की राष्ट्रीय जनता दल(आरजेडी), पासवान जी की लोक जनशक्ति पार्टी(एलजेपी) और तारिक अनवर की राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) एकमत हो बिहार बंद का आह्वाहन कर दिया.

कल बिहार बंद था और एक व्यक्ति उसमे में मारा गया यानी दो पुलिस फायरिंग में और एक व्यक्ति बंद के दौरान मारा गया आर्थिक नुक्सान बिहार जैसे पिछड़े राज्य को हुआ सो अलग , पर पूरे घटनाक्रम के बाद शाम को ये पता चला की जिस छात्र की कथित ह्त्या के विरोध में ये सब हो रहा है वो तो दिल्ली में थाणे जाकर सरेंडर कर चूका है. खैर, राजनीतिक बाजीगिरी के अलावा सैद्धांतिक रूप से भी अगर देखे तो लालूजी के राज्य में साम्यवादी विचारधारा के छात्र चंद्रशेखर जो की जे०एन०यु० में छात्रसंघ अध्यक्ष भी थे, उनकी हुई हत्या हुई थी. उस छात्र की ह्त्या पर ना कभी साम्यवादी ताकतों, सीपीआई और सीपीएम ने, ना कभी पासवान जी ने बिहार बंद करवाया था 

अंत में, चुनावों के मद्देनज़र हर मुद्दे का राजनीतिकरण करने से कई बार 'फाल्स स्टार्ट' हो जाती है, वक़्त आ गया है विपक्ष असल ज़मीनी मुद्दे उठाये क्योंकि उनकी कभी कोई कमी नहीं होती

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