ब्लाग्मंत्र : जिस तरह आंसू के लिए मिर्च जरूरी नहीं, वैसे ही बुद्धिमता सिद्ध करने के लिए ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स व् उच्च्श्रलंखता जरूरी नहीं

Thursday, October 25, 2012

ज़मीन का अधिग्रहण और इनसाइडर ट्रेडिंग

हैदराबाद के बड़े बिजिनेस स्कूल आई एस बी के संस्थापको में से एक रजत गुप्ता जो की मैकिन्सी जैसे बड़ी निवेशक कंपनी के निदेशक थे , साथ ही प्रोक्टर एंड गैम्बल व् गोल्डमन सैक के बोर्ड सदस्य थे जिन्हें माइक्रोसोफ्ट व् संयुक्त राष्ट्र के लिए उल्लेखनीय कामो के लिए सराहा जाता है , जो आई आई टी की डिग्री धारक है साथ ही हार्वर्ड के छात्र रहे है उन्हें दो वर्ष की जेल हो गयी, घटना अपने आप में बड़ी क्षोभनीय है. विश्व के सबसे मजबूत राष्ट्र , विश्व के सबसे खुले दिमाग के समाज अमरीका में सबसे ऊँचे स्थान पर जा पहुंचे गुप्ता का कसूर सिर्फ इतना था की उन्होंने बोर्ड सदस्य रहते एक तमिल मूल के निवेशक राजरत्नम को ये बता दिया था की गोल्डमन सैक 'फलानी कंपनी ' के शेयर खरीदने जा रही है जिस पर राजरत्नम ने तुरंत उस कंपनी के शेयर खरीद लिए. फिर जब गोल्डमन सैक ने वे शेयर खरीदने चाहे तो ऊँचे भाव पर राजरत्नम से खरीदे, जिससे कुल मिलाकर राजरत्नम को दस लाख डालर का फायदा हुआ.अब चूँकि ये फायदा अन्दुरुनी जानकारी को बाहर करने की वजह से हुआ था जो एक कंपनी से किया गया विश्वासघात है इसे क़ानून की नज़र में इन्साईडर ट्रेडिंग कहते है जिसके लिए सजा मिलती है, रजत गुप्ता को भी कल पचास लाख डालर हर्जाना व् 2 साल की सजा मिली है.

अब भारत चले आइये, यहाँ अभी हाल ही में सीमेंट कंपनियों पर ऐसे आरोप के तहत कुछ फाइन लगा था सज़ा किसी को नहीं हुई थी, क्यूंकि भारत के कोर्पोरेट भारत में खुदा सी हैसियत रखते है. राजनितिक क्षेत्र में भी ऐसी जानकारिया होती है जैसे जब बजट जब बनता है तब वित्त मंत्री बजट में जिन चीजों की कीमते बढ्ने या घटने वाली होती है वो संसद/विधानसभा में रखने से पहले किसी को नहीं बताते ताकि लोग जमाखोरी ना शुरू कर दे, ये भी एक प्रकार इन्साईडर जानकारी होती है.

जब किसी शहरी मास्टर प्लान में या किसी प्रोजेक्ट के लिए ज़मीन अधिग्रहण को मंजूरी मिलने की खबर किसी को पहले मिल जाए तो वो फटाफट उन जगहों की जमीन खरीद लेगा, और इनकी अनुमति देने की जानकारी नेताओ और सरकारी बाबुओ को होती है, ये दोनों अक्सर ऐसी जमीने खरीद भी लेते है अगर विश्वास नहीं होता तो बीकानेर में एक बड़े एहम राजनितिक हस्ती के रिश्तेदार के द्वारा ज़मीन की खरीद को देख लीजिये या फिर पुणे के इर्द गिर्द किसानो की ज़मीन की खरीद देख लीजिये जिसके लिए किसानो को गोली से भी पिछले साल भुना गया था. मेरे मत में ये सब 'इन्साईडर ट्रेडिंग' है जिसके जिम्मेवार नेता- बाबु का गठजोड़ है.

कल आर्थिक विशेषज्ञ व् पत्रकार   प्रोंजय राय ठाकुरता कह रहे थे की "सुब्बारामी रेड्डी के बीवी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी की डायरेक्टर है और सुब्बारामी जी संसद की कमेटी में है ये घर ही में कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट है", अब ऐसी जगहों में जानकारिया एक दुसरे से छुपती हो ऐसा तो होगा नहीं.

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