ब्लाग्मंत्र : जिस तरह आंसू के लिए मिर्च जरूरी नहीं, वैसे ही बुद्धिमता सिद्ध करने के लिए ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स व् उच्च्श्रलंखता जरूरी नहीं

Monday, October 8, 2012

लोकनाथ गली के मिठाई और इलाहाबाद की अगुवाई

कभी छात्र राजनीति के परचम  रहे   इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के  चुनाव बड़ी ही खामोशी से निकल गए, जेएनयु व् दिल्ली  विश्वविद्यालय छात्रसंघ के छात्रसंघ चुनाव से कम महत्वपूर्ण नहीं है इलाहबाद  विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव पर इसे सुलभता कहे या अनाकर्षण की इलाहाबाद में संपन्न हुए इन चुनावों को व्यापक कवरेज नहीं मिली वो भी जब, जबकि इस  विश्वविद्यालय  व्  छात्रसंघ  के कई छात्र आज पत्रकारिता और राजनीति दोनों के शीर्ष  पर बैठे है.कोई अपवाद ना ना बनते हुए मुझे भी डी जी की पोस्टो से ही खबरे  मिलती रही है. कल चुनाव के नतीजें  भी आ गए है जी ने चुनाव जीत लिया है  वे अध्यक्ष पद पर समाजवादी छात्र सभा के प्रत्याशी के रूप में खड़े थे उन्हें कुल    2,543 वोट मिले तो उनके निकटतम प्रत्याशी अभिषेक  सिंह ' सोनू' को 1491 वोट  मिले उनके साथ ही 28 सालो बाद कोई महिला उपाध्यक्ष  चुनी गयी है साथ ही ये  आइसा के लिए भी कामयाबी का वक़्त है, शालू ने ये पद  अपने निकटतम प्रत्याशी आलोक  कुमार  सिंह से  925 वोटो से जीता  है    जी, आइसा की  एक और जीत  पर ज़रा ध्यान दीजिये.

इन सब बातो के अलावा इन चुनावों में दुखद बात के रूप में ये उभरी के इन चुनावों में  पहली  बार गोलीबारी करने की वजह से गैंग्स्टर एक्ट में दो  छात्रों को जेल में भेजा गया हो और दोनों हेई चुनावो में प्रत्याशी रहे हो, फिर वही से बैठे बैठे  छात्र  चुनाव जीत  गया हो. गिरफ्तारी और आरोप  सिद्ध  ना होने   के तकनिकी आधार पर ही सही विश्वविद्यालय ने महामंत्री पद पर  चुनाव लड़ रहे अभिषेक सिंह माइकल को चुनाव लड़ने की इजाजत दी जिसमे वे  विजयी भी  हुए हैं. अन्य महत्वपूर्ण पदों में संयुक्त मंत्री पद पर गयाशंकर यादव ने काफी कांटे की टक्कर के बाद अंकिता  रानी  जैसवाल को 171   वोटो से हरा दिया यादव को कुल 1,677 वोट मिले व् जैसवाल को 1,506 वोतेस साथ ही इसी पद पर  मोहम्मद  गौस  इदरीसी ने भी 1,024 वोट पाकर अपनी दमदार उपस्तिथि का इशारा से दिया. सांस्कृतिक मंत्री पद पर देवंद्र मणि मिश्र सवाराधिक अंतर से विजयी रहनी वाले प्रत्याशी बने उन्होंने  आकांक्षा  मिश्र को करीब 1,398 वोटो से हराया .

गौरतलब बात ये है की एम् ए (दर्शन शास्त्र) के ही अध्यक्ष व् सांस्कृतिक मंत्री अब ऐसे में इन दोनों से इलाबाद विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति में हो रहे सांस्कृतिक पतन पर ख़ासा काम करने की जिम्मेवारी रहेगी.

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