ब्लाग्मंत्र : जिस तरह आंसू के लिए मिर्च जरूरी नहीं, वैसे ही बुद्धिमता सिद्ध करने के लिए ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स व् उच्च्श्रलंखता जरूरी नहीं

Monday, October 8, 2012

..... अब अपने परिवार से.

गाँधी परिवार से कांग्रेस , संघ परिवार से भाजपा सत्तानासीन हुई ..... अब अपने परिवार से. समाजवादी पार्टी का नेतृत्व करने वाले मुलायम सिंह यादव का कुनबा सियासत में इस तरह रमा कि सूबे का सबसे बड़ा सियासी घराना बन चुका है। मुलायम परिवार के छह सदस्य सांसद या विधायक हैं। एक कीर्तिमान यह भी है कि लोकतंत्र के चार प्रमुख सदनों विधानसभा, विधान परिषद, राज्य सभा और लोकसभा में इस परिवार का प्रतिनिधित्व है। अब इस परिवार के एक अन्य सदस्य का भी जल्दी ही राजनीति में दाखिला होने के संकेत हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता प्रो. रामगोपाल के सुपुत्र अक्षय को फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में उतारने की तैयारी शुरू हो चुकी है। अब सियासत में अक्षय, मुलायम सिंह परिवार के सातवें सदस्य होंगे। बकौल मरहूम छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र यह संघर्ष का वंशवाद है।

अभी कुछ दिनों पूर्व उत्तराँचल में भी पुत्र प्रेम जागृत हो गया था जब मुख्यमंत्री बहुगुणा ने अपने पुत्र को अपने द्वारा खाली लोकसभा सीट पर चुनाव में खड़ा किया है ,, भाजपा के प्रेम कुमार धूमल के पुत्र अनुराग ठाकुर को  तो भाजपा ने राहुल की टक्कर में युवा चेहरे के रूप में भी पेश किया था. बादल परिवार से भी चार लोग सांसद या विधायक  हुए अब वहा भी वे लोग भतीजे का विरोध झेल रहे है. हरियाणा में मुख्यमंत्री भूपिंदर  हुड्डा के पुत्र दीपेंदर हुड्डा सांसद है, ओम प्रकाश चौटाला  के पुत्र अजय चौटाला तो अब हरियाणा में काफी वरिष्ठ हो गए है फिर चंदर मोहन व्  कुलदीप विश्नोई भी पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पुत्र है. फारुक अब्दुला के बाद उमर, अब्दुल्लाह वंश के नए अधिपति है  वसुंधरा राजे उस तरह से राज्य में एकाधिकार नहीं रखती सो राजस्थान व् मध्यप्रदेश को छोड़ दें तो पूरा उत्तर भारत इसकी चपेट में है 

No comments:

Post a Comment