ब्लाग्मंत्र : जिस तरह आंसू के लिए मिर्च जरूरी नहीं, वैसे ही बुद्धिमता सिद्ध करने के लिए ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स व् उच्च्श्रलंखता जरूरी नहीं

Sunday, October 28, 2012

अर्ली वार्निंग सिस्टम



इसे यूपी वालो की भाषा में इसे पूर्व चेतावनी तंत्र कहते है फेसबुक तो अपने यहाँ भड़काऊ कंटेंट के लिए ऐसे लोग रखती है जहा पर भड़काऊ कंटेंट हटा दिए जाते है केंद्र सरकार ने भी इन्टरनेट के विषय में ऐसी कमेटी बनाई है, मेरा ये सुझाव यूपी जैसे बड़े राज्य के लिए है की वे भी ऐसा ही निगरानी कक्ष बना ले. ये पूर्व चेतावनी तंत्र ना सिर्फ मेरठ में हुए फेसबुक को लेकर बवाल जैसी घटनाओं पर काबू रखेगा वरन सिटीजन जर्नलिस्ट की तरह काम करते हुए प्रदेश के विभिन्न कोनो में हालातो को  जांचने में राज्य की  मदद करेगा. फेसबुक पर मौजूद Anil Kumar Singh जी ने फैजाबाद की घटना पर लिखा था "आखिरकार फैजाबाद को साम्प्रदायिकता की आग में झोंकने की साजिश कामयाब हो ही गई .बाबरी मस्जिद की शहादत के समय भी फैजाबाद ने अपना संयम नहीं खोया था .............मस्जिद के ऊपर ही अपने मंजर मेंहदी भाई के अख़बार < अपनी ताक़त < का दफ्तर है .हम लोगो की बैठकी का अड्डा भी .उसे तोड़ डाला गया .किताबें फाड़ डाली गई .उनका कंप्यूटर प्रिटर तोड़ डाला गया .जम कर लूट हुई.तस्वीरें आज सुबह की हैं .आग अभी भी लगी हुई थी .देर -सबेर बुझा दी जाएगी .लेकिन लोगों के दिलों में सुलगते जख्मों को कब भरा जा सकेगा .इस आग को हम कैसे बुझाएंगे ?

उनकी लगाईं तस्वीर तो काफी कुछ बयान कर रही थी तब अगर सूबे के मुखिया इसे देख लेते तो आग इतनी ना बढ़ पाती, आज एक और उसी प्रकार का मुद्दा ग़ाज़ीपुर जिले के जिला पंचायत सदस्य Braj Bhushan Dubey ने उठायी  है तस्वीर लगाकर वे बता रहे है की गाँव में किसानी की समस्या क्या है . वे बता रहे है एशिया के सबसे बडे ग्राम गहमर, तहसील   ज़मानिया  में एक  पम्‍प कैनाल है जो गंगा नदी से निकलकर कई गांवों को पानी देती है। इस पम्‍प कैनाल से 4 और माइनर निकलते हैं। न मेन नहर में पानी आया और न माइनर्स में। आप देख सकते हैं कि नहर के अगल-बगल किसी खेत में पानी न जाने की वजह से किसानो ने या तो धान की रोपाई नहीं किया अथवा धान की फसल हुयी ही नहीं।वही वे बिहार की तस्वीर खींच दोनों में अंतर बता रहे है, वे लिखते है की  गहमर से मात्र दस कि0 मी0 की दूरी पर कर्मनाशा नदी के उस पार बक्‍सर जिले के चौसा में यह नहर है। आप देख सकते हैं कि बिहार की नहर कैसी है और किसान किस प्रकार नहर में पानी आने से अपनी फसल धान की काट कर अब दूसरी फसल के लिये खेत तैयार कर रहे हैं.

वे कहते है " विकास पुरूष ( सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश सिंह ) जब अपने क्षेत्र में पानी नहीं दिलवा सकते किसानो को तो ये पूरे प्रदेश में क्‍या करेंगे। मैने पूछा किसानो से कि आप लोग कुछ करते क्‍यों नहीं तो उनका जबाब था कि मंत्री फर्जी मुकदमा करवा देगा या अपने गुर्गों से मरवा देगा। क्‍या सत्‍यता है मैं नहीं जानता किन्‍तु किसानो की कायरता व मंत्री की निष्क्रियता पर तरस जरूर आता है"

कुछ इसी तरह का अलकन मेरे एक लेख में बिहार और यूपी की नहरों के विषय में हुआ है जहा कोसी में आयी बाढ़ के बाद बिहार ने काफी निवेश किया है वही यूपी में सिंचाई व् बाँध निर्माण  के नाम पर भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं हुआ है.

1 comment:

  1. इस तरह की घटनाओं को सामने लाने का प्रयास सराहनीय है।

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